जय जय गौरी ललन जय जय हो गजवदन लिरिक्स

🙏 जय जय गौरी ललन – गणेश वंदना लिरिक्स 🙏
जय जय गौरी ललन,
जय जय हो गजवदन।
जय गणनायक, जय गणराज,
जय गणपति सुखसागर।।
लड्डू के तू प्रियकारी,
मूषक वाहन सवारी।
सिंदूरी अति प्यारा,
माथे चंद्र सितारा।।
त्रिनयन तेज तुम्हारा,
भक्ति से जो निहारे।
विघ्न सारे टल जाएं,
मन को शांति मिले प्यारे।।
रिद्धि सिद्धि संग बिराजे,
संतन को तू राजे।
सकल मनोरथ पूरे करे,
जो भी तुझको ध्यावे।।
जय जय गौरी ललन,
जय जय हो गजवदन।
दया करो हे विनायक,
रहो सदा मन भास्कर।।
🌼 भजन का भावार्थ (Explanation in Hindi):
🔹 जय जय गौरी ललन, जय जय हो गजवदन
— हे पार्वती माता के पुत्र (गौरी ललन) और गजमुख वाले भगवान गणेश जी! आपकी जय हो।
🔹 जय गणनायक, जय गणराज, जय गणपति सुखसागर
— हे समस्त गणों के स्वामी, हे राजाओं में श्रेष्ठ गणराज, आप सुखों के सागर हैं। हम आपकी स्तुति करते हैं।
🔹 लड्डू के तू प्रियकारी, मूषक वाहन सवारी
— आप लड्डू प्रिय हैं और मूषक (चूहा) आपका वाहन है। यह आपके बाल रूप और प्रेममयी स्वरूप का प्रतीक है।
🔹 सिंदूरी अति प्यारा, माथे चंद्र सितारा
— आपका शरीर सिंदूरी रंग का है और माथे पर चंद्रमा जैसी सुंदर आभा है।
🔹 त्रिनयन तेज तुम्हारा, भक्ति से जो निहारे
— आपके तीन नेत्र हैं जो ज्ञान, शक्ति और कार्य का प्रतीक हैं। जो भक्त सच्चे भाव से आपको देखता है, उसे तेज (आत्मिक प्रकाश) की अनुभूति होती है।
🔹 विघ्न सारे टल जाएं, मन को शांति मिले प्यारे
— आपकी कृपा से जीवन के सभी विघ्न-बाधाएं दूर हो जाती हैं और मन को शांति मिलती है।
🔹 रिद्धि सिद्धि संग बिराजे, संतन को तू राजे
— आप रिद्धि और सिद्धि (समृद्धि और सिद्धि की देवियां) के साथ विराजते हैं और संतों के भी राजा हैं।
🔹 सकल मनोरथ पूरे करे, जो भी तुझको ध्यावे
— जो कोई भी श्रद्धा से आपकी भक्ति करता है, उसके सभी कार्य पूरे हो जाते हैं।
🔹 दया करो हे विनायक, रहो सदा मन भास्कर
— हे विनायक! कृपा करो, और हमारे अंतर्मन में सदा प्रकाशमान रहो।
📌 संक्षेप में:
यह भजन भगवान गणेश की स्तुति करता है – उनके रूप, गुण, कृपा और उनके द्वारा जीवन के कष्टों को हरने की शक्ति को नमन करता है। यह भजन भक्त को आंतरिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है।