गिरजा के लाडले दुलारे के सबई देव आरती उतारे लिरिक्स

🔆 गिरजा के लाडले दुलारे के – भजन लिरिक्स 🔆
गिरजा के लाडले दुलारे के,
सबई देव आरती उतारे के।
सावन के झूले में झूलत हैं,
मन मोहन प्यारे हमारे के।।
सिंदूरी तन पे भेष सुहाना,
माथे पर चंदा प्यारा रे।
गले में बंसी, कटि में कंचन,
तन मन बस गए नंदलाला रे।।
पावन चरण कमल पर मेरे,
मन वृन्दावन डोले रे।
श्याम रंग में रँग गई राधा,
प्रेम रस गागर खोले रे।।
गिरधारी के दर्शन पा के,
मन मगन हो जाता है।
बंसी की धुन सुनते ही,
प्राणों में प्रेम समाता है।।
जय हो नंद के लाला की,
जय हो राधा प्यारी की।
भक्तों की बिगड़ी बनावे,
यह जोड़ी है महिमा न्यारी की।।
💫 भक्ति भावार्थ (Meaning & Explanation):
1. गिरजा के लाडले दुलारे के, सबई देव आरती उतारे के।
➡ गिरजा (पार्वती जी) के प्यारे बेटे भगवान श्रीकृष्ण की इतनी महिमा है कि सभी देवता उनकी आरती उतारते हैं। यह पंक्ति श्रीकृष्ण के दिव्य और सर्वोच्च स्वरूप की स्तुति करती है।
2. सावन के झूले में झूलत हैं, मन मोहन प्यारे हमारे के।
➡ सावन के महीने में श्रीकृष्ण झूले पर झूलते हुए मन को मोह लेने वाले प्यारे लगते हैं। यह भाव उनकी लीलाओं की ओर संकेत करता है।
3. सिंदूरी तन पे भेष सुहाना, माथे पर चंदा प्यारा रे।
➡ श्रीकृष्ण के तन पर सिंदूरी वस्त्र और माथे पर चंद्रमा समान तिलक उन्हें और भी सुंदर बनाता है। उनका रूप अत्यंत आकर्षक है।
4. गले में बंसी, कटि में कंचन, तन मन बस गए नंदलाला रे।
➡ उनके गले में बांसुरी और कमर में सोने की पेटी है, और नंदलाल (श्रीकृष्ण) तो तन और मन में रच-बस जाते हैं।
5. पावन चरण कमल पर मेरे, मन वृन्दावन डोले रे।
➡ श्रीकृष्ण के चरणों का स्मरण करते ही मन वृंदावन की पवित्र भूमि पर पहुँच जाता है, जहां कृष्ण ने रास और लीलाएं की थीं।
6. श्याम रंग में रँग गई राधा, प्रेम रस गागर खोले रे।
➡ राधा जी श्रीकृष्ण के श्याम रंग में इस कदर रंगी हैं कि वे प्रेम की गागर (घड़ा) खोल देती हैं – अर्थात् उनका प्रेम सम्पूर्ण और निश्छल है।
7. गिरधारी के दर्शन पा के, मन मगन हो जाता है।
➡ श्रीकृष्ण (गिरिधारी – जिन्होंने गोवर्धन उठाया था) के दर्शन से मन पूरी तरह आनंदित हो जाता है।
8. बंसी की धुन सुनते ही, प्राणों में प्रेम समाता है।
➡ श्रीकृष्ण की बंसी की धुन सुनते ही मन और प्राणों में भक्ति और प्रेम भर जाता है।
9. जय हो नंद के लाला की, जय हो राधा प्यारी की।
भक्तों की बिगड़ी बनावे, यह जोड़ी है महिमा न्यारी की।
➡ श्री राधा-कृष्ण की जोड़ी की जय हो, जो भक्तों के हर संकट को हर लेते हैं। यह जोड़ी सबसे अनोखी और दिव्य है।