श्री राम अपनी मूरत से मुस्कुरा रहे है

श्री राम अपनी मूरत से मुस्कुरा रहे है
श्री राम अपनी मूरत से
मुस्कुरा रहे है
क्या बात इस देश की
गरिमा बढ़ा रहे है
श्री राम अपनी मुरत से
मुस्कुरा रहे है।
जिस जन्म भूमि खातिर
सोने की लंका छोड़ें
उस भूमि से भला फिर
कैसे वो नाता तोड़े
यह बात हम सभी को
फिर से बता रहे है
श्री राम अपनी मुरत से
मुस्कुरा रहे है।
हम राम के रहे है
हम राम के रहेंगे
पहले भी कह रहे थे
हम आज भी कहेंगे
लो देख लो दिवाली
फिर से मना रहे है
श्री राम अपनी मुरत से
मुस्कुरा रहे है।
जिसने रचा है सृष्टी
वह क्या नहीं कर सकते
बस देर है लगाते
सब कुछ वही तो करते
यह राम कि कृपा है
‘हरिवंश’ गा रहे है
श्री राम अपनी मुरत से
मुस्कुरा रहे है।
श्री राम अपनी मूरत से
मुस्कुरा रहे है
क्या बात इस देश की
गरिमा बढ़ा रहे है
श्री राम अपनी मुरत से
मुस्कुरा रहे है।