पाव में घुंगरु बांध के नाचे करे हरि गुणगान

पाव में घुंगरु बांध के नाचे करे हरि गुणगान
पाव में घुंगरु बांध के नाचे
करे हरि गुणगान
जय जय जय श्री राम
नित जपते हनुमान।
राम का प्यारा है
ये अंजनी दुलारा है
ये पवन कुमारा है
रूद्र अवतारा है
हाथ में सोटा है
लाल लंगोटा है
ये कद में छोटा है
सेठ ये मोटा है
कपी रूप है लम्बी पूँछ है
बल का अतुलितधाम
रंग सिंदूरी चोला सोहे
रंग सिंदूरी चोला सोहे
हाथ में लाल निशां
जय जय जय श्री राम
नित जपते हनुमान।
जहां पे किर्तन हो
प्रभु का सत्संग हो
वहाँ हनुमत करते
सभी का निरिक्षण हो
कहाँ से आते है
कहाँ चले जाते है
ये सबको नचाते है
नज़र नहीं आते है
कौन है प्रभु का सच्चा प्रेमी
कर लेते पहचान
भक्त शिरोमणी होकर के भी
भक्त शिरोमणी होकर भी
भक्तों का करे सम्मान
जय जय जय श्री राम
नित जपते हनुमान।
पाव में घुंगरु बांध के नाचे
करे हरि गुणगान
जय जय जय श्री राम
नित जपते हनुमान।