नैया डोल रही मजधार सांवरे लिरिक्स

नैया डोल रही मजधार सांवरे लिरिक्स
सबकी ही बनाते हो
मेरी भी संवार सांवरे
नैया डोल रही मजधार सांवरे
सबकी ही बनाते हो।
सबको सब कुछ देने वाले
मेरी भी फरियाद यही है
इस आंगन में कुछ ना फलेगा
जो तू मेरे पास नहीं है
तुमसे मोहन आस यही है
सबकी ही बनाते हो
मेरी भी संवार सांवरे
नईया डोल रही मजधार सांवरे
सबकी ही बनाते हो।
सब चाहे फूलों का गुलशन
कांटों से दिल कौन लगाए
जिस आंचल को थाम ले मोहन
वो कांटों में उलझ ना पाए
बाबा सब उलझन सुलझाए
सबकी ही बनाते हो
मेरी भी संवार सांवरे
नईया डोल रही मजधार सांवरे
सबकी ही बनाते हो।
तुम हो दीन दयालु दाता
‘अंशु’ का है तुमसे कहना
हाथ रहे मेरे सिर पे तुम्हारा
और मेरे दिल में तुम रहना
मान लो मोहन दास का कहना
सबकी ही बनाते हो
मेरी भी संवार सांवरे
नईया डोल रही मजधार सांवरे
सबकी ही बनाते हो।
सबकी ही बनाते हो
मेरी भी संवार सांवरे
नैया डोल रही मजधार सांवरे
सबकी ही बनाते हो।