रघुवर रघुवर तुमको मेरी लाज भजन लिरिक्स

रघुवर रघुवर तुमको मेरी लाज भजन लिरिक्स
रघुवर रघुवर तुमको मेरी लाज
दोहा – राम नाम अवलंब बिनु
परमारथ की आस
बरसत वारिद बूंद गहि
चाहत चढ़न आकास
रघुवर रघुवर तुमको मेरी लाज
रघुवर रघुवर तुमकों मेरी लाज
सदा सदा मैं शरण तिहारी
तुम ही गरीब निवाज।
अघखंडन दुःखभंजन जन के
यही तिहारो काज
हो तो पतित पुरातन कहिए
हो तो पतित पुरातन कहिए
पार उतारो जहाज
रघुवर रघुवर तुमकों मेरी लाज।
पतित उदारण ह्रदय विहारी
श्रवणन सुनी आवाज
तुलसी दास पर कृपा कीजिए
तुलसी दास पर कृपा कीजिए
भक्ति दान देहूँ आज
रघुवर रघुवर तुमकों मेरी लाज।
रघुवर रघुवर तुमकों मेरी लाज
सदा सदा मैं शरण तिहारी
तुम ही गरीब निवाज।