Lyrics

मुझे भी बुला ले रामा अवध नगरिया

image

मुझे भी बुला ले रामा अवध नगरिया

मुझे भी बुला ले
रामा अवध नगरिया
मेरा तरसे है मन
नाचूं हो के मगन
मेरे रघुनंदन
तेरी शरण
मुझें भी बुला ले
रामा अवध नगरिया।


जपत जपत के नाम तुम्हारा
गाऊ मैं गुणगान हो
जी चाहे आ जाऊ मैं उड़के
अवधपुरी के धाम हो
घूम घूम के मेला देखूं
घूम घूम के मेला देखूं
नाचूं नौ नौ ताल हो
ढोल नगाड़े गूंजे
कानों में मुरलिया
मेरा तरसे है मन
नाचूं हो के मगन
मेरे रघुनंदन
तेरी शरण
मुझें भी बुला ले
रामा अवध नगरिया।


सीताराम के दर्शन पाने
पैदल चलके मैं आऊं
जी मेरा चाहे राम मैं तुमको
मन का हाल सुना जाऊं
छूटे ना कभी प्रीत हमारी
छूटे ना कभी प्रीत हमारी
प्रीत की रीत निभा जाओ
बड़ी ही कठिन ‘शानु’
प्रेम डगरिया
मेरा तरसे है मन
नाचूं हो के मगन
मेरे रघुनंदन
तेरी शरण
मुझें भी बुला ले
रामा अवध नगरिया।


जब से तेरे रामा द्वार में आया
आनंद ही आनंद हो
तेरी रजा में राजी मैं रामा
मन है मेरा रजामंद हो
मौज उड़ाता तेरी दया से
मौज उड़ाता तेरी दया से
दिल में भरी है उमंग हो
तेरा मेरा साथ रामा
कभी नहीं छूटे
मेरा तरसे है मन
नाचूं हो के मगन
मेरे रघुनंदन
तेरी शरण
मुझें भी बुला ले
रामा अवध नगरिया।


मुझे भी बुला ले
रामा अवध नगरिया
मेरा तरसे है मन
नाचूं हो के मगन
मेरे रघुनंदन
तेरी शरण
मुझें भी बुला ले
रामा अवध नगरिया।

Disclaimer

The bhajangeet lyrics displayed here are provided for educational and devotional purposes only. We deeply respect all artists, composers,writers and spiritual contributors. We do not promote copyright infringement.

If you enjoy these bhajans, please support the original creators by purchasing or streaming the music through legal platforms like YouTube Premium, Gaana, JioSaavn, iTunes, etc.

If any copyright owner has concerns regarding the content shared, please contact us at contact@bhajangeet.in. We assure you a response within 48 hours.